जमुई में जनजातीय गौरव दिवस के निकाले जा रहे राजनीतिक मायने
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के जमुई से भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष समारोह की शुरुआत की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पूरे देश के आदिवासी समाज के लिए 6640 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा के सम्मान में चांदी का एक सिक्का और डाक टिकट का भी अनावरण किया। इसके साथ ही समारोह के लिए विशेष रूप से जमुई पहुंचे बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू के वंशजों का भी सम्मान किया।
बिरसा मुंडा के सम्मान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ, बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र अर्लेकर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, केन्द्रीय मंत्री जुएल उरांव, केन्द्रीय मंत्री गिरिनाथ सिंह, चिराग पासवान, जीतन राम माझी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व सांसद कड़िया मुंडा, बिरसा मुंडा के वंशज बुधराम मुंडा, सिदो-कान्हू के वंशज मंडल मुर्मू समेत बिहार के कई विधायक, सांसद और पार्षद उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस कार्यक्रम का बहुत बड़ा राजनीतिक महत्व भी है। इस समय झारखंड में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। एक चरण का मतदान सम्पन्न हो चुका है और दूसरे चरण के मतदान 20 नवम्बर को होना है। पांच दिन बाद होने वाला मतदान उन क्षेत्रों में है, जहां पर आदिवासी बाहुल्य है। भले ही प्रधानमंत्री ने पूरे देश के आदिवासियों के लिए योजनाओं की सौगात दी है, लेकिन माना जा रहा है कि इसका असर झारखंड और विशेष कर चुनाव पर भी पड़ेगा।
पीएम मोदी ने बिरसा की 150वीं जयंती कार्यक्रम की शुरुआत की
जमुई में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन बहुत ही शुभ दिन है। आज कार्तिक पूर्णिमा है, आज देव दीपावली है, आज गुरुनानक जी का 555वां प्रकाश पर्व है। सभी देशवासियों को इन पर्वों की बधाई देता हूं। फिर उन्होंने कहा कि आज भगवान बिरसा की जन्मजयंती है। बिहार में ही नहीं पूरे देश में बिरसा मुंडा की जयंती के समारोह मनाये जा रहे हैं। यह दिवस राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जा रहा। पीएम ने कहा कि बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू में था। वहां पर शहीद तिलका मांझी और दूसरे आदिवासी वीरों का शौर्य देखने का अवसर मिला। आज से भगवान बिरसा की 150वीं जयंती के आयोजन शुरू हो गया है जो एक साल तक चलेंगे। आज के दिन देशभर के 1 करोड़ लोग हमारे कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े हैं, जमुई से जुड़े हैं। बिरसा के वंशजों का स्वागत करने का अवसर मिला। उनकी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ी है।
आदिवासियों और आदिवासी वीरों का इतिहास छुपाने का आरोप
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम के आयोजन की आवश्यकता क्यों हुई। यह कार्यक्रम एक बहुत बड़े अन्याय को दूर करने का ईमानदार प्रयास है। आदिवासी समाज के योगदान को इतिहास में स्थान नहीं दिया गया, जिसका आदिवासी समाज हकदार था। आदिवासी समाज वह है जिसने राजकुमार राम भगवान राम बनाया। जिसने भारत की संस्कृति और आजादी की रक्षा के लिए सैकड़ों वर्षों तक संघर्ष किया। लेकिन उनकी अनमोल देन को मिटाने का प्रयास किया गया। और ऐसा राजनीति के कारण किया गया। और यह अन्याय एक पार्टी और एक परिवार की पार्टी ने किया। आदिवासी समाज वह है जिसमें बिरसा समेत कई आदिवासी रणबाकुरे हुए है। ये आदिवासी ही थे जिन्होंने छत्रपति शिवाजी को ताकत दी थी। लेकिन इनके योदान को भुला दिया गया, इतिहास के पन्नों से मिटा दिया गय। संस्कृति हो या फिर सम्मान यह भाजपा को देना आता है। मैं इसे भाजपा ही नहीं एनडीए का सौभाग्य मानता हूं कि पहली आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया गया। इसमें नीतीश जी का बड़ा योगदान है। घोषणा होने के बाद नीतीश जीने ने देशभर में अपील की थी द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाने में सहयोग करें।
‘जिसको किसी ने नहीं पूछा उसे मोदी पूछता है’
पीएम मोदी ने यह कहते हुए कि पहले की सरकारों ने आदिसावी समाज की कोई परवाह नहीं की, ढेरों सौगातों की बौछार की। उन्होंने पिछली सरकारों पर आरोप लगाया कि उन्होने आदिवासी समाज को देने का काम ही नहीं किया। जब से एनडीए की सरकार देश में आयी है, योजनाओं की राशि को पांच गुणा बढ़ा दिया गया है। पीएम ने कहा कि पिछले साल 24 हजार करोड़ की पीएम जनमन योजना शुरू की गयी है। जिसका सबसे पिछड़े जनजातीय समुदाय को लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत हजारों पक्के घर दिये जा रहे हैं। आदिवासी क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों पर काम शुरू हो चुका है। आदिवासी क्षेत्रों में हर घर नल से जल पहुंच रहा है। जिसको किसी ने नहीं पूछा उसे मोदी पूछता है कह कर पीएम ने बता कि यह एनडीए सरकार की देन है कि आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया। आदिवासियों के लिए राशि पांच गुणा कर सवा पांच लाख करोड़ धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए दिया गया है। इसके तहत 80 हजार करोड़ आदिवासी गांवों में लगाये जायेंगे। इससे आदिवासी क्षेत्रों में पर्यटन को बल मिलेगा। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि देश के हर आदिवासी जिले में जनजातीय गौरव उपवन बनाये जायेंगे।
प्रधानमंत्री ने आदिवासियों को दी ये योजनाएं
- प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तहत निर्मित 11,000 आवासों के गृह प्रवेश।
- आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए पीएम-जनमन के तहत शुरू की गई 23 मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेगुआ) के तहत अतिरिक्त 30 एमएमयू का भी उद्घाटन।
- प्रधानमंत्री आदिवासी उद्यमिता को बढ़ावा देने और आजीविका सृजन में सहायता के लिए 300 वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) का उद्घाटन।
- आदिवासी छात्रों के लिए समर्पित लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत वाले 10 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन।
- आदिवासी समुदायों के समृद्ध इतिहास और विरासत का दस्तावेजीकरण और संरक्षण किए जाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और जबलपुर में दो आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों और श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) और गंगटोक (सिक्किम) में दो आदिवासी शोध संस्थानों का भी उद्घाटन।
- जन-जातीय क्षेत्रों में संपर्क सुधारने के लिए 500 किलोमीटर नई सड़कों और पीएम जनमन के तहत सामुदायिक केंद्रों के रूप में कार्य करने वाले 100 बहुउद्देश्यीय केंद्रों (एमपीसी) की आधारशिला।
- जनजातीय बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए 1,110 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले 25 अतिरिक्त एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला।
- पीएम जनमन के तहत लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत वाले 25,000 नए आवास।
- धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) के तहत 1960 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 16 लाख आवास।
- पीएम जनमन के तहत 66 छात्रावास और डीएजेजीयूए के तहत 1100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के 304 छात्रावास।
- पीएम जनमन के तहत 50 नए बहुउद्देश्यीय केंद्र, 55 मोबाइल मेडिकल यूनिट्सऔर 65 आंगनवाड़ी केंद्र, सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन के लिए 6 सक्षमता केंद्र (सेंटर ऑफ कॉम्पिटेंसी) और डीएजेजीयूए के तहत आश्रम स्कूलों, छात्रावासों, सरकारी आवासीय स्कूलों के उन्नयन के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये की 330 परियोजनाएं।
जमुई में जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम बिहार के लिए बड़ा सम्मान – नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमुई में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस आयोजित किये जाने को बिहार के लिए बहुत बड़ा सम्मान बताया। इसके साथ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश के लिए एक-एक काम कर रहे हैं। बिहार के लिए भी बहुत काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि बिरसा मुंडा जनजाति समाज के महानायक हैं। जिनका जन्म 15 नवम्बर 1875 में रांची में हुआ था। उनका जन्म तब हुआ था। जब बंगाल, बिहार, उड़ीसा सब एक साथ थे उसके बाद उड़ीसा, बंगाल बिहार सब अलग हो गया। 2000 में झारखंड अलग हुआ था। अटल जी की सरकार में बिहार से अलग झारखंड राज्य बनाने का निर्णय लिया गया। नीतीश कुमार ने देश की आजादी में बिरसा के योगदान का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेजों के षड्यंत्र के कारण 25 वर्षों की अल्पायु में जेल में 1900 में उनका निधन हो गया।
नीतीश कुमार ने इसके बाद कहा कि केन्द्र सरकार ने 2021 बिरसा मुंडा के जन्म दिन पर जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। आज पीएम जमुई में इस महान दिवस को मनाने के लिए आये हैं। वह 6640 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करने वाले हैं। बिहार में यह हो रहा है, इसलिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। नीतीश कुमार ने इसके बाद यह भी कहा कि बिहार में बिरसा मुंडा का भी बहुत सम्मान किया जाता है। 2007 में बिहार की राजधानी पटना में बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगायी गयी है। हर साल बिरसा का जन्म दिन भी मनाया जाता है। 2005 के बाद से जनजातीय समाज के लिए बहुत काम हुआ हैं।
इसके बाद नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि कुछ समय के लिए वह बहक गये थे और इधर-उधर चले गये थे। लेकिन अब वह कहीं नहीं जायेंगे।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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