अगर युवाओं के मुद्दों पर एक गलती निकल जाए तो मुझे 5 महीने नहीं 50 साल के लिए जेल डाल दीजिए – मैं उफ़्फ़ नहीं करूँगा, बाबूलाल के आरोप पर सीएम हेमंत का पलटवार

झारखंड चुनावी समर से गुजर रहा है, 13 नवम्बर को पहले चरण का मतदान होना है. ऐसे में यहाँ की सियासी बिसात पूरी तरह से बीछ चुकी है और हर खिलाड़ी अपनी अपनी चाल चल रहा है. आलम ये है की राजनेता अपने प्रतिद्वंदी और विपक्ष की बखिया उधेड़ने से भी बाज़ नहीं आ रहे हैं. झारखंड में एक तरफ राजनीतिक जंग छिड़ी हुई है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी सभी नेता और पार्टियां वॉर मोड में हैं. झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया ‘X’ पर पोस्ट करते हुए सूबे के सीएम हेमंत सोरेन पर JSSC CGL परीक्षा को ठीक से नहीं करवाने के साथ साथ पेपर लीक के मामले और अभ्यर्थियों को सीट बेचने तक का आरोप लगा दिया.

बाबूलाल मरांडी ने लिखा : 

काम के दाम मांगते, ऐसी तो अभिलाषा है झूठ और अन्याय की, हेमंत इकलौती परिभाषा है। भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ने के बाद हेमंत सरकार ने युवाओं के सुनहरे भविष्य को बर्बाद करने का निर्णय लिया है, इसी का नतीजा है कि जेएसएससी सीजीएल में नौकरी देने के नाम पर सीट बेची जा रही है। छात्रों के भविष्य और सपनों की कीमत लगाकर हेमंत सोरेन एवं उनके सहयोगी अपना पेट भरने में मस्त है, एक एक सीट के लिए 25 – 25 लाख रूपये तक की बोली लग रही है, जिसके कारण छात्रों का हाल दिन ब दिन बदतर होता जा रहा है। हाल यह है कि हेमंत सरकार में ऐसी रीति बन गई है कि पढ़ने वाले पढ़ते रहे, पैसे वाले बढ़ते रहें।

अब इस पोस्ट और इस आरोप के ऊपर प्रहार करते हुए सीएम हेमंत सोरेन ने भी इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बाबूलाल मरांडी पर आरोप लगाया है. सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पोस्ट में कहा कि बाबूलाल जी आपके पास ED है, CBI है और दुनिया की सभी एजेंसियों का कुनबा है। आप किसी भी एजेंसी से जांच करवा लीजिए – अगर युवाओं के मुद्दों पर एक गलती निकल जाए तो मुझे 5 महीने नहीं 50 साल के लिए जेल डाल दीजिए – मैं उफ़्फ़ नहीं करूँगा। आपके रघुबर दास जी द्वारा विरासत में मुझे जो परेशानियां/अबूझ नीतियाँ दी गई उन सबको दूर करते हुए हम लगातार परीक्षा ले रहे हैं, पर आपके और आपके दल द्वारा पोषित कोचिंग माफिया और PIL गैंग द्वारा जो लगातार झूठे केस पर केस कर परीक्षाओं को बाधित किया जा रहा है उसे कौन नहीं जानता। जब मैंने लीक रोकने के लिए कड़ा कानून बनाया – आपने उसे काला कानून बता कर राजभवन से लेकर विधान सभा में हंगामा किया – आख़िर किसके हित साध रहे थे आप ? आप लगातार नियुक्तियों को लटका रहे हैं – आख़िर अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा की सिद्धि हेतु कितना गिरेंगे आप ? आख़िर मे – झारखंड सरकार में लंबित हर एक नौकरी आपके दल के तमाम अड़चनों एवं साज़िशों के बावजूद मैं ही राज्य के युवाओं को दूँगा।