प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल के पत्र का जवाब दे दिया है। ईडी ने कैबिनिट सचिव को साफ शब्दों में कहा है कि कैबिनेट सचिव को इससे सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। साथ ही ईडी ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में वह किसी से भी सवाल पूछ सकता है।
कैबिनेट सचिव ने पत्र लिख कर ईडी से पूछा था सवाल
बता दें कि झारखंड कैबिनिट सचिव वंदना डाडेल ने पत्र लिख कर ईडी से साहिबगंज डीसी और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार को भेजे गये समन और उन पर की गई सर्वे की कार्रवाई का कारण पूछा है। साहिबगंज के अवैध खनन मामले साहिबगंज डीसी को 11 जनवरी, आर्किटेक्स विनोद सिंह को 15 जनवरी और मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक पिंटू को 16 जनवरी को ईडी कार्यालय पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसी को लेकर कैबिनेट सचिव ने उनके बुलाये जाने और उनके निवास पर सर्वे किये जाने के कारण को स्पष्ट करने को कहा था। कैबिनेट सचिव ने अपने पत्र में इस सम्बंध में दायर FIR के बारे में लिखा था कि इसमें ‘अस्पष्टता’ है। बता दें कि 3 जनवरी को झारखंड समेत कई राज्यों में छापेमारी के बाद ईडी ने डीसी राम निवास यादव, आर्किटेक्ट विनोद सिंह और मुख्यमंत्री के सलाहकार अभिषेक कुमार पिंटू को समन जारी किया था।
झारखंड कैबिनेट में राज्य सरकार लायी थी नया प्रस्ताव
बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 9 जनवरी को कैबिनेट की बैठक में 34 प्रस्तावों पर मुहर लगी थी जिसमें एक प्रस्ताव भी लागा गया उसके आधार पर किसी भी बाहरी जांच एजेंसी के बुलावे पर अब झारखंड के पदाधिकारी सीधा जांच एजेंसी के समक्ष नहीं जायेंगे। ईडी या फिर किसी भी जांच एजेंसी के समन या बुलावे पर पदाधिकारी पहले अपने विभाग के अध्यक्ष के माध्यम से कैबिनेट को इसकी जानकारी देंगे। कैबिनेट को जानकारी मिलने के बाद विभाग यह तय करेगा कि आगे क्या करना है।
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न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार