लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को पटखनी देने की तैयारी, आप-कांग्रेस ने मिलाया हाथ

Preparations to defeat BJP before Lok Sabha elections, AAP-Congress come together

अरविन्द केजरीवाल को कांग्रेस से सीट शेयर करनी है या नहीं, या कैसे करनी है इसको आंकने का एक मौका मिल गया है। केजरीवाल की आप पार्टी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में उतरना है। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस से एक गठबंधन किया है। चंडीगढ़ नगर निगम मेयर के 18 जनवरी को होने वाले चुनाव के लिए आप ने कांग्रेस से जो गठबंधन किया है उसका मकसद यही है को भाजपा को कैसे शिकस्त देनी है। इसके बाद कांग्रेस उम्मीदवार जसवीर बंटी ने मेयर के पद से नामांकन वापस ले लिया। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद कांग्रेस के लिए छोड़े गए हैं।अब गठबंधन की ओर से कुलदीप सिंह मेयर के प्रत्याशी होंगे। इन पदों से आम आदमी पार्टी की नेहा और पूनम ने अपनी नामजदगी के पर्चे वापस ले लिए।

जाहिर है कि आप और कांग्रेस मेयर के चुनाव में सफल होती हैं तो लोकसभा चुनाव में उनके लिए रणनीति बनाना आसान हो जायेगा। लेकिन तब आप के केजरीवाल को कांग्रेस सीटें नहीं देने का हठ छोड़ना है। हालांकि यह काम अभी भी इतना आसान नहीं है। क्योंकि मेयर का चुनाव चंडीगढ़ में हो रहा है। यहां पर भाजपा मजबूत स्थिति में है। आप और कांग्रेस को लगता है कि अगर भाजपा को उसके गढ़ में मिल कर मात दे देंगे तो फिर दूसरी जगहों पर उसे मात देने की रणनीति भी तय की जा सकती है। मगर एक बात यहां ध्यान देने वाली है कि भाजपा को हराना आसान हो या नहीं, लेकिन पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस से गठबंधन करना आप के लिए कठिन होगा। क्योंकि आप को लगता है कि अगर वह कांग्रेस को सीटें दे भी देती है और कांग्रेस जीत जीता है तो यह उसके लिए ही घाटे का सौदा होगा।

भाजपा को मात देने का आप का क्या है दांव?

भाजपा ने पिछले दिनों बड़ा दांव चलते हुए पार्षद लखविंदर सिंह बिल्लू को आप से तोड़कर भाजपा में शामिल कराया था, जबकि जवाब में आप ने भी भाजपा से गुरचरणजीत सिंह काला को तोड़ लिया। इस घटनाक्रम से सदन में बीजेपी पार्षदों की सख्ंया 14 और आप की 13 हो गई। सिर्फ नगर सांसद की एकमात्र अतिरिक्त वोट से भाजपा का पलड़ा भारी बना हुआ है। इससे, आम आदमी पार्टी को लगा कि वह मेयर चुनाव में अकेले भाजपा को शिकस्त नहीं दे पाएगी। इसलिए कांग्रेस से स्थानीय स्तर पर गठबंधन किया है।

ताजा स्थिति में बीजेपी के पास 14 पार्षद हैं और स्थानीय सांसद के एक वोट के साथ बीजेपी के पास कुल 15 वोट हैं। इसके बाद आम आदमी पार्टी के पास 13, कांग्रेस के पास 7 और शिरोमणि अकाली दल के पास एक पार्षद का वोट है। बता दें कि मेयर का कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त हो रहा है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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