Jharkhand Assembly Election: झारखंड में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। दो चरण में मतदान होना है। इस बार भाजपा और आजसू में गठबंधन होना है। सीट बंटवारे की बात लगभग फाइनल हो चुकी है। लोहरदगा विधानसभा आजसू के खाते में जाना तय है। यहां से कई बार आजसू पार्टी के प्रत्याशी जीत चुके हैं। वर्तमान में इस सीट से आजसू पार्टी के तीन दावेदारों का नाम सामने आये हैं। टिकट को लेकर सभी के अपने-अपने तर्क हैं।
टिकट के दावेदारों में एक केंद्रीय महासचिव और पूर्व जिला परिषद सदस्य अंजू देवी है। उनके समर्थकों का कहना है कि अंजू पार्टी के लिए दो-तीन नौकरियों को त्याग चुकी है। वह स्थानीय है। हर वर्ग में उनकी अच्छी पकड़ है। वह लगातार जनता के बीच काम करती रही हैं। राजनीति जानकार उनका कमजोर पक्ष अभी तक चुनाव नहीं लड़ना बता रहे हैं। कई लोगों का यह भी कहना है कि टिकट नहीं मिलने पर वह निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकती है।
दावेदारों में नीरू शांति भगत है। वह पार्टी में लगातार सक्रिय रहती हैं। क्षेत्रों का दौरा भी करती रहती हैं। वह आजसू प्रमुख सुदेश महतो के करीबी रहे दिवंगत कमल किशोर भगत की पत्नी है। राजनीति जानकार का कहना है कि उन्हें पार्टी दो बार टिकट दे चुकी है। इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। इसके अलावा उनका देवर अनिल उरांव अलग पार्टी का गठन कर लिया है। आजसू को ही वह कमजोर कर रहा है। वह अपने देवर को समझा पाने में असफल रही है। यह उनका कमजोर पक्ष है।
दावेदारों में आजसू पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत का नाम भी सामने आ रहा है। वह आंदोलनकारी हैं। उन्होंने झारखंड अलग राज्य के लिए संघर्ष किया है। आजसू प्रमुख सुदेश महतो के बहुत ही करीबी हैं। हाल के दिनों में वे काफी समय भी यहां दे चुके हैं। उन्हें इससे पहले भी एक बार विधानसभा चुनाव का टिकट मिल चुका है। इसमें उनकी हार हुई थी। इसे उनकी कमजोरी मानी जा रही है।