पाकिस्तान में पाकिस्तानी हिन्दू ने जाकिर नाईक को धो डाला! पढ़ाया सनातन का पाठ, आप भी सुनिये

नफरत फैलाने वाले और इस्लामवादी कट्टरपंथी जाकिर नाईक के लिए सनातन का सुन्दर पाठ! पाकिस्तानी की धरती पर इस्लामिक कट्टरपंथी और भगोड़े जाकिर नाईक के सामने जब पाकिस्तान के एक हिन्दू विद्वान ने सनातन की खूबसूरती का बखान किया तो उसे सुनकर पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया अवाक रह गयी। इस पाकिस्तानी विद्वान ने अपनी मातृभूमि के प्रति शुद्ध प्रेम का जो पाठ पढ़ाया, उस पर हर देशभक्त को गर्व होना चाहिए। ।

पाकिस्तान में सनातनी विद्वान प्रोफेसर मनोज चौहान ने जिस बेबाकी, साहस और साफगोई से अपनी बात की है, उसका चारों ओर चर्चा हो रही है। धरती पाकिस्तान की धरती और  पाकिस्तान एक सार्वजनिक मंच पर इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक की मौजूदगी में मनोज चौहान ने न सिर्फ अपनी बात कही, बल्कि कई सवाल भी पूछ लिये।

वर्तमान में मलेशिया में शरण लेने वाला जाकिर नाईक इस समय पाकिस्तान सरकार के आमंत्रण पर इन इस्लामाबाद, करांची और लाहौर में भाषण दे रहा है। इसी दौरान, इस्लामाबाद में जाकिर नाइक के सम्मान में गुरुवार को आयोजित एक समारोह में अन्य मत पंथों के विद्वानों को भी आमंत्रित किया गया था। इसी समारोह में सनातन संस्कृति के विद्वान प्रोफेसर मनोज चौहान ने उनसे मंच पर आकर सवाल पूछा कि आखिर मजहब के नाम पर दुनिया भर में जारी हिंसा का हल क्या है? प्रोफेसर मनोज चौहान ने अपना परिचय देते हुए बताया, ‘मैं सनातन धर्म का एक अंग हूं, एक गोल्ड मेडलिस्ट शिक्षाविद् हूं।’ इतना ही नहीं तो शारदीय नवरात्र के पहले दिन उन्होंने अपने सवाल की शुरुआत सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वाथ साधिके मंत्र से की। फिर उन्होंने अपने मादरे वतन यानि पाकिस्तान की खुशहाली और सलामती के लिए श्लोक पढ़े।

प्रोफेसर मनोज चौहान ने कहा, ‘जब सनातन धर्म था तब तो कोई मजहब ही नहीं था। एक अरब छियानवे करोड़ चार लाख बत्तीस हजार साल का एक युग है सनातन धर्म का। उसमें भगवान श्रीकृष्ण ने इनसानों से कहा है कि हे मनुष्य, ये समाज तुम्हारी कर्मभूमि है और तुझे उसी कसौटी पर कसा जाएगा। इसलिए तू कर्म से भागने का जतन मत कर, क्योंकि निष्काम कर्म ही तेरा कर्तव्य है और तेरा कर्तव्य ही तेरा धर्म। लेकिन यदि यह धर्म केवल तेरे हित के लिए है तो यह पाप की ओर जाने वाला रास्ता है। इसलिए सिर्फ अपनों से मुक्त होकर समाज कल्याण का कर्म कर क्योंकि यही मोक्ष का मार्ग है। जन्नत का रास्ता है।’

प्रोफेसर मनोज चौहान ने न केवल सनातन धर्म की प्राचीनता और श्रेष्ठ विचार को रखा, बल्कि एक प्रकार से केवल तेरे हित, यानी केवल इस्लाम की संकुचित सोच को भी परोक्ष रूप से समझाने का काम कर दिया। उन्होंने पूछा कि पूरी दुनिया, खासकर इन दिनों मध्य पूर्व के देशों में मजहब के नाम पर लोगों को मारा जा रहा है, उसमें वह देश भी शामिल है। वह देश और उसका मजहब इसमें शामिल है। मजहब के नाम पर नफरत और हिंसा फैलाने वाली इस सोच को रोकने के लिए हमें जो रणनीति बनानी चाहिए, उसके लिए हम क्या करेंगे।’

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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