सत्ताधारी दल के विधायक उमाशंकर यादव अकेला ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ उस वक्त मोर्चा खोल दिया, जब वे कोडरमा के चंदवारा प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए। प्रखंड के बीडीओ, सीओ और कल्याण पदाधिकारी की मनमानी और प्रखंड में वयाप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ बरही के कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला का धरना प्रदर्शन दोपहर बाद से शुरू होकर आधी रात तक जारी रहा। दोपहर बाद विधायक उमाशंकर अकेला अपने समर्थको के साथ प्रखंड के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए थे। देर शाम तक जब कोई अधिकारी उनसे वार्ता करने नही आया तो वे और भी नाराज हो गए और रात धरना स्थल पर ही बिताने का निर्णय लिया। विधायक अपने समर्थकों के साथ प्रखंड के मुख्य द्वार पर ही सोए रहे। इससे पहले उन्होंने धरना स्थल पर ही भोजन भी किया। जब इसकी सूचना ग्रामीण विकास मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी को मिली तो उन्होंने विधायक उमाशंकर अकेला को फोन भी किया और समझाने बुझाने का प्रयास भी किया, लेकिन उनकी बात भी विधायक ने नहीं मानी और भ्रष्ट अधिकारियों को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे। बहरहाल मंत्री इरफान अंसारी की पहल पर जिला प्रशासन की ओर से अपर समहर्ता पूनम कुजूर और परिवहन पदाधिकारी विजय कुमार सोनी देर रात चंदवारा प्रखंड पहुंचे और विधायक उमाशंकर अकेला की बात सुनने के बाद उन्हें समझाने बुझाने का प्रयास भी किया। विधायक उमाशंकर अकेला ने सीधे तौर पर प्रखंड के बीडीओ, सीओ और कल्याण पदाधिकारी पर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विधायक मद की योजनाओं के भुगतान में बीडीओ टाल मटोल करती है। इसके अलावा उन्होंने बीडीओ कनक पर राज्य सरकार की योजनाओं के संचालन में अनदेखी करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार उनकी है, लेकिन लोकतंत्र में कोई भी धरना दे सकता है। इंसाफ मिलने तक वे बिना सरकारी काम को बाधा डालें धरने पर बैठे रहेंगे। इधर, विधायक को समझाने बुझाने पहुंची अपर समाहर्ता पूनम कुजूर ने कहा कि प्रखंड और अंचल की समस्याओं को लेकर विधायक की कुछ डिमांड है, जिसपर बात की जाएगी। साथ ही विधायक के द्वारा भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के लगाए जा रहे आरोपों की जांच भी डीसी के निर्देश पर की जाएगी। काफी मान मनौव्वल के बाद कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर रात साढ़े 12 बजे विधायक मान गए और धरना खत्म किया।