बांग्लादेशी घुसपैठ की लड़ाई राजनीतिक मैदान में ही नहीं, अदालत में भी लड़ने की तैयारी हो गयी है। पिछले दिनों झारखंड हाई कोर्ट में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर जो कुछ हुआ, उसके खिलाफ अब झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट का रुख करने जा रही है। मामला संताल परगना के जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ से जुड़ा हुआ है। एक ओर जहां भाजपा नेतृत्व वाला एनडीए बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर सरकार पर हमलावर है, वहीं झामुमो नेतृत्व में इंडी गठबंधन इससे इनकार कर रहा है कि संताल में कोई बांग्लादेशी घुसपैठ हुई है। इसी को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने तल्ख सवाल किये हैं, जो राज्य सरकार को चुभ रहे हैं। इसीलिए उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का मन बनाया है।
बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार ही नहीं केन्द्र सरकार को घुसपैठ से जुड़े मामले की सूक्ष्मता के साथ जांच करने का आदेश दिया है। जनहित याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा दिये गये आदेश को राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। यही नहीं, राज्य सरकार की सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) दाखिल कर हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करने की मांग भी करेगी। राज्य सरकार हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देगी, जिसमें अदालत ने घुसपैठ की जांच के लिए केंद्र और राज्य सरकार से फैक्ट फाइंडिंग कमिटी गठित करने और इसके लिए दो अधिकारियों के नाम 30 सितंबर से पूर्व अदालत को बताने का निर्देश दिया था। बता दें कि जमशेदपुर के रहने वाले दानयल दानिश ने संताल परगना के जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ की ओर ध्यान दिलाते हुए हाई कोर्ट में यह मामला उठाया है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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