अमिताभ चौधरी के जाने से घटा JSCA का दबदबा! ईशान का सलेक्शन नहीं होने से उठा सवाल

JSCA's dominance reduced! Questions raised due to Ishaan not being selected

भारतीय टीम इन समय निस्संदेह शानदार प्रदर्शन कर रही है। बांग्लादेश के खिलाफ उसने जिस तरह का प्रदर्शन किया और विपक्षी टीम को घुटने टेकने को मजबूर किया, उससे इसकी जितनी सराहना की जाये कम है। टीम इंडिया बांग्लादेश पर प्रभावकारी जीत के बाद ICC Test Championship के फाइनल में पहुंचने के कगार पर भी पहुंच चुकी है। फिर भी कुछ सवाल उभरे हैं। चेन्नई में भले ही टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन किया, फिर भी, भारतीय टीम की कुछ कमजोरियां उजागर हुई हैं। जो भारतीय टीम के चयन पर सवाल उठाती हैं। टीम पर सवाल उठा है, तो इसका मतलब सवाल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)  पर उठा है। इसके साथ एक और सवाल झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) के बीसीसीआई में घटते प्रभाव पर भी उठा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले दिनों विश्व कप अण्डर-19 के लिए भारतीय टीम का चयन हुआ। लेकिन टीम में एक भी युवा खिलाड़ी झारखंड का नहीं था। यही नहीं, झारखंड के अब एक मात्र स्टार खिलाड़ी ईशान किशन भी बीसीसीआई की नजर में उपेक्षित हो गये हैं। बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के लिए भारतीय टीम की घोषणा हो गयी है। ईशान न तो पहले टेस्ट मैच के लिए चुने गये और न ही दूसरे टेस्ट के लिए। यह तो टेस्ट मैचों की बात हुई। वनडे और टी-20 मैचों में भी ईशान आजकल नहीं दिख रहे हैं।

अमिताभ चौधरी के नहीं रहने से बदली है झारखंड की स्थिति

अमिताभ चौधरी झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहे, तब तक बीसीसीआई में झारखंड और झारखंड के खिलाड़ियों की पूछ भी होती थी, लेकिन अब नहीं। अमिताभ चौधरी का नहीं होना आज झारखंड को खल रहा है। क्रिकेट प्रेमियों को यह ज्ञात होगा कि स्टार क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी झारखंड के रास्ते नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल के रास्ते भारतीय टीम में पहुंचे थे। लेकिन यह अभिताम चौधरी का प्रभाव है कि उसके बाद झारखंड के कई खिलाड़ियों को टेस्ट, वनडे और टी-20 मैचों में खेलने का मौका मिला। इनमें ईशान किशन, वरुण एरॉन, शहबाज नदीम और सौरभ तिवारी के नाम लिये जा सकते हैं। इतना ही नहीं, झारखंड के कुछ पुरुष और महिला क्रिकेटर आईपीएल में भी खेल चुके हैं। पर अमिताभ चौधरी के जाने के बाद झारखंड राज्य क्रिकेट संघ की चमक फीकी पड़ गयी है। ईशान की बीसीसीए द्वारा अनदेखी, झारखंड के दूसरे क्रिकेटरों को टीम इंडिया में इंट्री नहीं मिल पाना, रांची को अंतरराष्ट्रीय मैच कम मिलना, आईपीएल के मैच नहीं मिलना और हाल में अण्डर-19 विश्व कप की भारतीय टीम में झारखंड के किसी युवा का नहीं होना भी इसका प्रमाण है। झारखंड राज्य क्रिकेट संघ का प्रभाव एक बार फिर से स्थापित हो, यह एक बड़ा प्रश्न तो बन ही गया है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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