पूर्व मंत्री व जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले मनोज सिंह ने सोमवार को प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मंत्री पद पर रहते हुए आहार पत्रिका के प्रकाशन में भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने एफआईआर दर्ज करायी तो सरयू राय उन पर व्यक्तिगत आरोप लगाने लगे। मनोज सिंह ने कहा कि उनका कोई राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति से जुड़ाव नहीं रहा है, लेकिन सरयू राय अनर्गल बात कर रहे। मनोज सिंह ने कहा कि पूर्व में इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, इसके बाद आरटीआई के जरिए उन्होंने पूरी जानकारी विभाग से पायी। मनोज सिंह ने कहा कि सरयू राय ने उनके खिलाफ गलत आरोप लगाया कि वह रांची के किसी गैंगेस्टर से जुड़े हैं, लेकिन उनके खिलाफ कभी कोई केस दर्ज नहीं हुआ है।
मनोज सिंह ने कहा कि आहार पत्रिका का मामला 2021 से चल रहा है, जब राय मंत्री थे, उन्होंने आहार पत्रिका के प्रकाशन का निर्णय लिया। हर महीने ये पत्रिका पीडीएस डीलर तक पहुंचानी थी। 2017 में एक दिन में इसके पूरे निर्णय को अनुमोदित किया गया। अगले दिन निजी सहायक आनंद कुमार को पत्रिका का संपादक बना देते हैं। आनंद कुमार फिर अपने स्तर से जेपीपीएल लिमिटेड जमशेदपुर को बुलाकर प्रकाशन, मुद्रण का काम दे देते हैं। बगैर टेंडर ये काम हुआ। ये कंपनी पांच लाख प्रति माह छापने के लिए सक्षम नहीं थी। बिना कार्य हुए एक करोड़ 83 लाख का भुगतान किया जाता है। मीडिया में खबर आ गई तो वित्त विभाग को अनुमोदन के लिए लिखा गया। फिर जेपीपीएल के काम को कैंसल किया जाता है, टेंडर नए सिरे से होता है। तीन कंपनियां आती हैं, फिर जेपीएल को काम मिल जाता है। फिर भी पत्रिका नहीं मिली तो ऑडियो कॉल के जरिए जागरुकता के लिए बाबा कंप्यूटर्स को काम दिया जाता है। दोनों कंपनी सरयू राय की पत्रिका युगांतर भारती का प्रकाशन करते थे।
मनोज सिंह ने कहा कि 2021 में हाईकोर्ट में अपील में लोग गए थे। फिर याचिकाकर्ता एसीबी में शिकायत करते हैं। डीएसपी अरविंद सिंह ने शुरुआती जांच में मामला सही पाया। धुर्वा थाने में भी लिखित शिकायत हुई। आहार पत्रिका में पहला केस दर्ज हुआ है। सरयू राय झूठ बोल रहे हैं कि पहले पांच केस हुए। सुनील शंकर शंकर नाम के व्यक्ति को रिटायरमेंट के पहले कॉन्ट्रैक्ट पर रख लिया। वो इनकी महिला मित्र के बहनोई हैं और अनिल शंकर की पत्नी युगांतर बहाली में बोर्ड में हैं।