झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जमीन घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली बेल पर जेल से बाहर हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति में हुए कथित घोटाले में जेल में बंद हैं। अब एक और मुख्यमंत्री पर तलवार लटक गयी है। कहीं ऐसा न हो, जेल जाने वाले वह अगले मुख्यमंत्री बन जायें। यह हैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया। भ्रष्टाचार के मामले में कर्नाटक के सीएम पर चलेगा मुकदमा चल सकता है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में घिरे हुए हैं। इसको लेकर भाजपा ने उनके खिलाफ लगातार हमलावर है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने हाल ही में कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने के लिए कैबिनेट की राय मांगी थी। मंत्रिपरिषद ने राज्यपाल को कारण बताओ नोटिस वापस लेने की सलाह दी और इसे बहुमत से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास बताया। इसके बावजूद कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी।
बता दें कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है। इसकी भूमिका में शहरी विकास को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा विकसित करना और किफायती आवास उपलब्ध कराना है। MUDA ने शहरी विकास के दौरान ज़मीन खोने वालों के लिए 50:50 नामक योजना शुरू की। इस योजना के तहत प्रभावित व्यक्तियों को विकसित भूमि का 50% हिस्सा मिलता है और इसे पहली बार 2009 में लागू किया गया था। लेकिन 2020 में भाजपा सरकार के तहत इसे बंद कर दिया गया।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर क्या है आरोप
अब MUDA योजना में भ्रष्टाचार किये जाने की जो खबर आ रही है, वह इस प्रकार है कि योजना के बंद होने के बाद भी इसके तहत भूमि अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा गया। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इस योजना से लाभ मिला है। आरोप है कि पार्वती की 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन MUDA ने अधिग्रहित की और बदले में महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित कीं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ आरोप शिकायतकर्ताओं ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 और 19 तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत सीएम सिद्धारमैया पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि MUDA घोटाले में अवैध आवंटन से राज्य के खजाने को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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