अवैध खनन की खबरों से नाराज विधायक ने पत्रकारों को भेजा 250 करोड़ का मानहानि नोटिस, पत्रकार अब मांग रहे ‘भीख’

भाजपा के एक विधायक अपने खिलाफ खबरें प्रकाशित करने से इतने नाराज हो गये कि उन्होंने 5 पत्रकारों के ऊपर 50-50 करोड़ रुपये के मानहानि का दावा ठोंक दिया है। यह दिलचस्प मामला उत्तर प्रदेश का है। इन विधायक महोयद के मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पत्रकारों ने गांधीगीरी अपना ली है। पत्रकार मानहानि की रकम अदा करने के लिए 250 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए भीख मांगना शुरू किया है। उनका कहना है कि वह गांव-गांव, शहर-शहर, यहां तक कि विधानसभा जाकर भीख मांगेगे। यह मामला उत्तर प्रदेश के झांसी का का। गरौठा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक के खिलाफ पत्रकार सड़क पर उतरकर भीख मांग रहे हैं।

भाजपा विधायक जवाहरलाल राजपूत ने इन 5 पत्रकारों पर 50-50 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है। जिसका विरोध जताने के लिए पत्रकारों ने अनोखा तरीका अख्तियार किया है। पत्रकार 250 करोड़ रुपये भीख से इकट्ठा करने का दावा करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। पत्रकारों को कहना है कि वह भीख मांगने गांव-गांव और विधानसभा तक जाएंगे।

मामला इस प्करा है कि विधायक राजपूत ने अपने और अपने बेटे के खिलाफ अवैध खनन की खबरों को प्रकाशित और प्रसारित करने पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब के अध्यक्ष पुष्पेंद्र यादव, आशुतोष नायक, धीरेंद्र रायकवार, डीकू जैन और रामनरेश को मानहानि का यह नोटिस भेजा है। विधायक का कहना है कि पत्रकार उन्हें नाहक निशाना बना रहे हैं। उन्होंने विधायक और उनके बेटे पर मारपीट का भी आरोप लगाया।

अब इस मामले का अंजाम क्या होगा, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन सवाल उठता है कि क्या कोई भी व्यक्ति जो मन में आये वह राशि मानहानि के लिए दावा कर सकता है? क्या मानहानि का दावा करने वाले की हैसियत कोई मायने नहीं है? या फिर अदालत तय करता है कि अमूक मामले मानहानि की राशि कितनी होनी चाहिए?

यहां यह बता दें कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 में व्यक्ति की प्रतिष्ठा की सुरक्षा के प्रावधान है। आईपीसी की धारा 499 के अनुसार किसी के बारे में झूठी अफवाहें फैलाना, टिप्पणी करना, उसके मान-सम्मान के खिलाफ कुछ छपवाना मानहानि माना जाता है। धारा 500 के अंतर्गत मानहानि के लिए दंड के प्रावधान हैं। जहां अपराधी को दो वर्ष तक साधारण कारावास में रखा जाता है।

यहां यह भी बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मानहानि मामले में फंस चुके हैं। यहां तक कि उस मामले में उनकी लोकसभा सदस्यता भी जा चुकी है। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला रद्द कर उन्हें राहत दी थी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

यह भी पढ़ें:Jharkhand: हजारीबाग के विष्णुगढ़ के कोनार डैम परिसर में मिला बांग्लादेशी डिवाइस लगा गिद्ध

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *