समस्तीपुर:बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर समस्तीपुर पहँचे। जहां उन्होंने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा स्थित विद्यापति सभागार में मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम में शिरकत की प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी एस पांडेय ने शॉल एवं विश्वविद्यालय उत्पाद देकर सम्मानित किया।बतातें चलें कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में गोवा से आये किसानों को मशरूम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस मौके पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि नेचुरल फॉर्मिंग आज के समय की मांग है। बिहार में नेचुरल फार्मिंग की असीम संभावनाएं हैं। हम चाहते हैं कि केमिकल फर्टिलाइजेशन की जगह प्राकृतिक खेती करने की जरूरत है। इससे खेतों की उर्वरकता बरकरार रहती है, और बढ़ती भी है। मुझे लगता है कि धीरे-धीरे बिहार के किसान भाइयों को इसे अपनाने की जरूरत है। और यह संभव भी है।
उन्होंने कहा कि गोवा पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है। लेकिन वह चाहते हैं कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का जो ज्ञान है वह गोवा तक पहुंचे। गोवा के लोगों को इसका लाभ मिले। देश के दूसरे प्रदेशों की विशेषता भी गोवा तक पहुंचे। इसके लिए डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के द्वारा काफी अच्छी पहल की गई है कि वह मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए वहां के किसानों को बुलाकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे गोवा मशरूम उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सके। कार्यक्रम के बाद राज्यपाल गोवा से मशरूम का प्रशिक्षण प्राप्त करने आए प्रशिक्षु से मुलाकात की और उनसे प्रशिक्षण के बाद अपने प्रदेश में न सिर्फ मशरूम उत्पादन करने बल्कि वहां के अन्य किसानों को भी प्रशिक्षित कर उन्हें प्रेरित करने की सलाह दिया।
समस्तीपुर से अफ़रोज़ आलम की रिपोर्ट