भले ही बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना इस्तीफा देकर देश छोड़कर भारत में फिलहाल शरण लिए हुए हैं। लेकिन इसके बाद भी बांग्लादेश में अराजता का माहौल कायम है। तख्तापलट के बाद भी प्रदर्शनकारियों का उत्पात जारी है। बांग्लादेश में सेना ने मोर्चा सम्भाल रखा है। सेना ने अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया है और उसकी तैयारी भी चल रही है। इस बीच एक नाम तेजी से उखरा है, नोबल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस का। आंदोलनकारी छात्र संगठन ने मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह नाम सामने आने के साथ मोहम्मद यूनुस को देश की कमान सौंपने की भी बात उठी है।
कौन हैं मोहम्मद यूनुस, बांग्लादेश के लिए क्या है योगदान?
मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश की एक जानी-मानी हस्ती हैं। मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के एक प्रमुख सामाजिक उद्यमी, अर्थशास्त्री, बैंकर के साथ कुशल राजनीतिज्ञ भी हैं। जून 1940 को जन्मे यूनुस ने 1983 में बांग्लादेश में एक ग्रामीण बैंक स्थापित किया था जो गरीबों को आसानी से कम मूल्य का ऋण मुहैया कराता है। ग्रामीण बैंक के माध्यम से जरूरतमंद गरीबों को छोटे ऋण उपलब्ध कराने के यूनुस के प्रयास की पूरी दुनिया के सराहना की थी। उनके इस प्रयास के कारण ही बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोग अपने जीवन स्तर में सुधार ला सके। गरीबी उन्मूलन के लिए किए गए उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए साल 2006 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
साल 2007 में मोहम्मद यूनुस ने नागरिक शक्ति नाम से एक राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी। इसके बाद साल 2009 में यूनुस को यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम पुरस्कार से भी नवाजा गया। पुरस्कारों से इतर मोहम्मद यूनुस शेख हसीना सरकार के निशाने पर भी रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मोहम्मद यूनुस पर 190 मुकदमे दर्ज हुए हैं। 23 लाख डॉलर गबन करने के मामले में मोहम्मद यूनुस को जेल भी जा चुके हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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