संसद में अब सांसद निशिकांत दुबे की मांग, झारखंड में लगे राष्ट्रपति शासन

लोकसभा में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला उठाने के बाद अब गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग उठायी है। निशिकांत दुबे ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पाकुड़ में हुई आदिवासी छात्रों की पिटाई का मामला उठाते की है। बता दें कि निशिकांत दुबे ने झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर संताल परगना को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग तक संसद में रखी थी।

सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए निशिकांत दुबे ने सदन से सवाल किया कि जिस क्षेत्र में आदिवासी की आबादी 1951 में 48 प्रतिशत था, 2000 में 36 प्रतिशत था आज 26 प्रतिशत कैसे हो गयी।

लोकसभा में सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि इस बाद को झारखंड के आदिवासी समझने लगे हैं और उन्होंने आन्दोलन का मूड बना लिया है। वहां के आदिवासी युवा पाकुड़ में जब एक आंदोलन करना चाह रहे थे, तब उन पर पुलिसिया कार्रवी की गयी। जबकि यह एक जनाक्रोश रैली थी। यह हिंदू- मुसलमान का सवाल नहीं है। यहां ओवैसी साहब सहित कई मुस्लिम बैठे हुए है उनके सोचने का सवाल है कि हिंदुस्तान के मुस्लिम सुरक्षित रहेंगे कि नहीं। आदिवासी युवा आंदोलन करना चाह रहे थे उन लड़को के हॉस्टल में पाकुड़ में 27 जुलाई को पुलिस ने घुसकर आदिवासी छात्रों को बर्बरतापूर्ण तरीके से पीटा। दो लड़के मरनासन्न है शायद मौत हो जाएगी। एसटी आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है। मेरा भारत सरकार से आग्रह है कि राज्य सरकार बांग्लादेशियों को बसाने के लिए आदिवासियों का सत्यानाथ कर रही है इसके लिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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