Jharkhand: HC के आगे नहीं चली कांस्टेबल की दलील, अवैध संबंध रखना पड़ा भारी, बर्खास्तगी रहेगी जारी

Constable's argument did not work before HC, having illicit relationship proved costly,

झारखंड हाई कोर्ट ने एक गंभीर मामले पर उतना ही गंभीर फैसला सुनाया है। मामला झारखंड पुलिस के एक कांस्टेबल से जुड़ा हुआ है, जिसको उसकी अनैतिक गतिविधि के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। मामला जब हाई कोर्ट पहुंचा तो वहां से भी उसे राहत नहीं मिली और झारखंड पुलिस के फैसले को उचित माना। मामला दरअसल, एक शादीशुदा पुलिस कांस्टेबल के दूसरी महिला से लिव-इन रिलेशन रखने का है, जिसे पुलिस मैन्युअल के हिसाब से काफी गंभीर माना जाता है। इसी के मद्देनजर झारखंड पुलिस ने उसकी सेवा को समाप्त कर दिया था। अदालत ने अपने फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी पुलिसकर्मी का अपनी पत्नी के अलावा किसी अन्य महिला के साथ लिव-इन रिलेशन में रहना अनुचित है।

क्या है मामला?

झारखंड पुलिस के इस कांस्टेबल ने विवाहित होते हुए भी दूसरी महिला के साथ लिव-इन रिलेशन बना लिया था। कुछ समय के बाद उसकी इस लिव-इन पार्टनर ने उस पर अवैध सम्बंध बनाने और शारीरिक शोषण आरोप लगाया। झारखंड पुलिस ने उस पर कार्रवाई करते हुए पहले तो 2018 में उसे निलंबित कर दिया। लेकिन विभागीय कार्रवाई के बाद उसकी सेवा बर्खास्त कर दी गयी। सेवा बर्खास्तगी के बाद कांस्टेबल ने यह दलील देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था कि केवल द्विविवाह के मामले में ही उसकी सेवा बर्खास्त की जा सकती है। जबकि उसने दूसरा विवाह किया ही नहीं। झारखंड सेवा संहिता का प्रावधान केवल दूसरी शादी करने से संबंधित है। जबकि राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि कांस्टेबल शादीशुदा होने के बावजूद किसी अन्य महिला के साथ अवैध संबंध रखा था,  जो झारखंड सेवा संहिता और झारखंड पुलिस मैनुअल का उल्लंघन है। राज्य सरकार के अधिवक्ता की दलील को हाई कोर्ट ने माना और अपना फैसला सुनाया। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एसएन पाठक की अदालत में हुई।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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