कुछ दिनों पहले राम मंदिर को लेकर मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने दावा किया था कि उन्होंने पहली ही बारिश में मंदिर की छत चूने लगी है। राम मंदिर आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि जुलाई 2025 काम का पूरा होना असंभव है, लेकिन अगर ऐसा कहा जा रहा है तो मान लेता हूं। साथ ही राम मंदिर में हुए निर्माण पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जहां रामलला विराजमान है, वहां पहली ही बारिश में पानी चूने लगा है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
अब इस खबर का खंडन भी आ गया है। राम मंदिर के निर्माण की गुणवत्ता पर उठे सवाल पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सफाई देते कहा कि गर्भगृह जहां भगवान रामलला विराजमान है, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है। और न ही कहीं से पानी का गर्भगृह में प्रवेश हुआ है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गर्भगृह को लेकर उठे सवाल पर कहा कि मंदिर के द्वितीय तल की छत का कार्य पूर्ण होने के पश्चात भूतल से लगभग 60 फीट ऊंचा घुम्मट जुड़ेगा और मण्डप की छत बन्द हो जाएगी। इसका तात्पर्य यह है कि मंदिर में पानी चूने की बात सर्वथा गलत नहीं थी। अगर ऐसा हुआ है तो यह मंदिर के निर्माण कार्य के पूर्ण होने के बाद नहीं होगा। बता दें कि द्वितीय तल पर पिलर निर्माण चल रहा है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा कि प्रथम तल पर बिजली, वाटर प्रूफिंग एवं फ्लोरिंग का कार्य प्रगति पर है। अतः छत से पानी टपक रहा है, जबकि यथार्थ में पानी कंड्यूट पाइप के सहारे भूतल पर निकल रहा था। उपरोक्त सभी कार्य शीघ्र पूरा हो जाएगा। प्रथम तल की फ्लोरिंग पूर्णतः वाटर टाइट हो जाएगी और किसी भी जंक्शन से पानी का प्रवेश नहीं होगा।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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