एनडीए के ओम बिरला लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनाये गये हैं। बेहद नाटकीय घटना क्रम में लोकसभा अध्यक्ष बनाये गये। एनडीए और इंडी गठबंधन की जिद के बाद लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की नौबत आयी थी। तीसरे दिन लोकसभा सत्र की शुरुआत होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्पीकर के लिए ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा। जिनके नाम का राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जीतन राम मांझी, ललन सिंह, चिराग पासवान आदि ने समर्थन किया। इसके बाद विपक्ष की ओर से अरविंद सावंत ने के सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर तारिक अनवर ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। लगा कि अब मत विभाजन होगा, लेकिन तभी विपक्ष मत विभाजन से पीछे हट गयी और ओम बिरला ध्वनिमत से लोकसभा अध्यक्ष चुन लिये गये।
स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला को पीएम मोदी और राहुल गांधी आसन तक ले गये। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ओम बिरला के लिए आसन खाली कर दिया। पीएम मोदी और राहुल गांधी ने ओम बिरला को बधाई देते हुए आसन पर बिठाया।
बता दें अगर लोकसभाध्यक्ष के लिए मतविभाजन होता तो यह तीसरा अवसर होता जब स्पीकर का चयन वोटिंग के सहारे होता। . परंपरागत रूप से, लोकसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच आम सहमति से होता रहा है। संसदीय इतिहास में अध्यक्ष पद के लिए दो बार चुनाव हुए हैं। 1952 में कांग्रेस के जीवी मालवणकर ने सीपीआई के उम्मीदवार शंकर शांताराम मोरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था। वहीं, 1976 में हुई कांग्रेस के बीआर भगत ने कांग्रेस ओ के समर्थन से जनसंघ के जगन्नाथराव जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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