Giridih News: डॉक्टर बेटे के अपहरणकांड का गिरिडीह पुलिस ने किया खुलासा, डॉक्टर का पड़ोसी गेट ग्रिल मिस्त्री था मास्टरमाइंड

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Giridih News: देवरी थाना इलाके के चतरो के डॉक्टर के बेटे पवन दास अपहरण मामले का खुलासा गिरिडीह पुलिस एक सप्ताह में करने में सफल रही। हालाकि 13 जून को हुए अपहरण के दूसरे दिन 14 जून को बढ़ते पुलिस दबिश के बाद अपहरणकर्ता पवन दास को बिरनी के पेसम गांव के जंगल में छोड़ कर फरार हो गए थे। वही पिछले एक सप्ताह से 40 से अधिक पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की टीम अपराधियो के घेराबंदी में जुटी। तो रेकी करने से लेकर प्लानिग करने वाले मास्टर माइंड समेत छह अपराधियो को पुलिस दबोचने में सफल रही। वही इन अपराधियो के पास से एक मारूरी ओमनी, तीन बाइक, एक पिस्टल, छह मोबाइल फोन तो बरामद किया ही। साथ ही डॉक्टर के बेटे और फार्मासिस्ट पवन दास के बाइक को भी बरामद करने में सफल रही। एक सप्ताह में मिले सफलता को लेकर गुरुवार को प्रेसवार्ता कर एसपी दीपक कुमार शर्मा, देवरी थाना प्रभारी सोनू नायक, मुफ्फसिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, पचंबा थाना प्रभारी मंटू कुमार ने बताया की गिरफ्तार सारे अपराधी जिले के अलग अलग थाना इलाके से है। एसपी ने बताया की इस बड़ी उपलब्धि के बाद अब जिला पुलिस की और से रैंक के आधार पर पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को रिवार्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। इधर एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने बताया की डॉक्टर के बेटे पवन दास के अपहरन कांड में डॉक्टर का पड़ोसी संजय राम  मास्टर माइंड है। संजय राम देवरी के कोसोगोंडोदी गांव का है तो इसी थाना इलाके के तुहियो गांव निवासी संजय पासवान, गांवा के मानपुर गांव निवासी मोहम्मद मोजफ्फर, नवदिहा ओपी के बेहराडीह गांव निवासी राजकुमार वर्मा, पचंबा थाना इलाके के जगपात्री गांव निवासी सद्दाम अंसारी, और जमुआ के चरघरा गांव निवासी महेश वर्मा शामिल हैं।

 

एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने बताया की 13 जून की रात जब फार्मासिस्ट पवन कुमार दास का अपहरण हुआ था। उसी रात से पांच अलग अलग टीम पवन को मुक्त कराने में जुट गई। और एक बार नहीं, कई बार पूरी टीम घटनास्थल पहुंच कर जांच की। जहां से डॉक्टर के बेटे और फार्मासिस्ट पवन को मेडिकल दुकान से घर लौटने के क्रम में इन अपराधियो ने अपहरण किया था। एसपी की माने तो घटना के वक्त पवन अपने बाइक से घर लौट रहा था। और अपराधियो ने उसके बाइक समेत अपहरण कर लिया था। लेकिन जिस मारुति ओमनी से पवन दास का अपहरण हुआ था, वो भी कुछ दिनों पहले ही पचंबा थाना इलाके के सुग्गासार से लुटा गया था। लुटा गया मारुति ओमनी शहर के कोलडीहा निवासी पप्पू उर्फ आसित खान के नाम से है। और इस ओमनी के लूट का केस भी पचंबा थाना में दर्ज हुआ था पहले से। जब तक ओमनी लूट कांड का खुलासा हो पाता, इसे पहले ही डॉक्टर के बेटे पवन अपहरण कांड में इस्तेमाल कर लिया गया। एसपी ने बताया की टीम में शामिल अधिकारी और टेकीनाकल टीम के सदस्यों ने पहले राजकुमार वर्मा को दबोचा। इसके निशानदेही पर सारे अपराधियों को गिरिडीह से दबोचने में सफल रही। क्योंकि, पांचों टीम का दबाव बढ़ता देख अपराधियो को लगा की अब उनके पास बचने का कोई रास्ता नहीं और या तो वो गिरफ्तार हो सकते हा या फिर पुलिस की गोलियों के शिकार, लिहाजा, इसमें एक अपराधी ने बचने के लिए एक धार्मिक स्थल का सहारा लिया। जबकि अन्य अपराधी पवन को पैसम के जंगल में छोड़ कर फरार हो गए। इतना ही नही पवन का अपहरण करने के बाद मास्टर माइंड संजय राम ने ही उसके डॉक्टर पिता लक्ष्मण दास को कॉल कर पहले 30 लाख का डिमांड किया था। लेकिन जब पुलिस की दबिश बढ़ता गया तो फिरौती की रकम अपराधी कम करते करते डेढ़ लाख में आ गए। पुलिस के अनुसार मास्टर माइंड संजय राम एक गेट ग्रिल का मिस्त्री भी बताया जा रहा है जो कुछ दिनों पहले ही डॉक्टर के घर ग्रिल लगाने गया था। लिहाजा, इसने बेटे का  अपहरण कर पैसे कमाने का तरीका सोचा। एसपी ने बताया की संजय राम ने पांचों अपराधियों को डॉक्टर के बेटे के अपहरणकांड को अंजाम देने के लिए जुटाया था। अपराधियो की गिरफ्तारी के बाद जब पूछताछ शुरू हुआ तो सामने आया की संजय राम पहले ही हत्या के प्रयास में जेल जा चुका है। वही सद्दाम अंसारी के खिलाफ भी मुफ्फसिल, जमुआ, नगर, पीरटांड़, धनवार थाना में कई केस पहले से दर्ज हैं जबकि राजकुमार वर्मा के खिलाफ भी केस दर्ज हैं। और अब इनके खिलाफ तीन और केस दर्ज किया जाना है जिसमे एक आर्म्स एक्ट, मारुति ओमनी लूटकांड और अपहरण का।

गिरिडीह से राजन राज की रिपोर्ट 

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