झारखंड में बुधवार को मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों और विधायकों के वेतन और अन्य भत्तों को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। जिसके बाद विधायकों के वेतन में सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत तक, जबकि मुख्यमंत्री और मंत्रियों की तनख्वाह में लगभग 25% और 31% की बढ़ोतरी होगी।
नई बढ़ोतरी के बाद मुख्यमंत्री का मूल वेतन 80,000 रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं मंत्रियों का वेतन 65,000 रुपए से बढ़ाकर 85,000 रुपए और विधायकों का वेतन 40,000 रुपए से बढ़ाकर 60,000 रुपए कर दिया गया है।
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने भी इस मंजूरी की पुष्टि करते हुए कहा, ‘कैबिनेट ने विधायकों, मंत्रियों, स्पीकर, विपक्ष के नेता, मुख्यमंत्री और विधानसभा अधिकारियों के वेतन, भत्ते और अन्य भत्तों में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।’
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष का मूल वेतन 78,000 रुपए से बढ़ाकर 98,000 रुपए, नेता प्रतिपक्ष का मूल वेतन 65,000 रुपए से बढ़ाकर 85,000 रुपए और मुख्य सचेतक का 55,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर दिया गया है।
कैबिनेट ने तनख्वाह में बढ़ोतरी के साथ ही अन्य भत्तों और सुविधाओं को भी मंजूरी दी है। जिसके अनुसार मुख्यमंत्री के लिए क्षेत्र भत्ता 80 हजार रुपए से बढ़ाकर 95 हजार रुपए प्रति माह और जलपान भत्ता 60 हजार रुपए से बढ़ाकर 70 हजार रुपए कर दिया गया है।
मंत्रियों को अब 80 हजार रुपए की जगह 95 हजार रुपए का क्षेत्र भत्ता और 45 हजार रुपए की जगह 55 हजार रुपए का जलपान भत्ता मिलेगा। विधायकों का क्षेत्र भत्ता 65 हजार रुपए से बढ़ाकर 80 हजार रुपए प्रति माह और उनका जलपान भत्ता 30 हजार रुपए से बढ़ाकर 40 हजार से रुपए प्रति माह कर दिया गया है।
वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी का यह निर्णय उस पांच सदस्यीय पैनल की सिफारिशों के बाद लिया गया, जिसका गठन मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर), विपक्ष के नेता, मुख्य सचेतक और सचेतक के वेतन और भत्तों की समीक्षा करने के लिए किया गया था। पैनल ने पिछले साल दिसंबर में अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसमें सीएम के लिए 25 प्रतिशत और अन्य मंत्रियों के लिए लगभग 31 प्रतिशत वेतन वृद्धि की सिफारिश की गई थी।
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