दुनिया से कोरोना वायरस की दहशत अभी खत्म नहीं हुई कि एक और खतरे को लेकर चौंकाने वाली खबर आ रही है। लोगों को याद होगा कि 2020 में चीन से निकले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा था। मगर जापान में एक नयी आफत आने की जानकारी मिली है। वायरस के बाद बैक्टीरिया के रूप में यह आफत दस्तक देगी। स्ट्रेप्टोकॉकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम यानी एसटीएसएस का कारक यह बैक्टीरिया शरीर में पहुंचकर मांस खाने लगता है। यह बैक्टीरिया कितना खतरनाक है कि 48 घंटे में यह मरीज की जान भी ले सकता है। जिस तरह से वायरस अंतरराष्ट्रीय आवागमन के कारण दुनिया भर में फैला, उसी तरह इस बैक्टीरिया के भी दुनिया में फैल जाने की आशंका जतायी जा रही है।
अब तक मिल चुके हैं 1000 मरीज
रिपोर्ट के अनुसार जापान में इस साल अब तक एसटीएसएस के 1000 मरीज मिल चुके हैं। इस बैक्टेरिया का आक्रमण खासकर उन लोगों पर ज्यादा होता है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर होती है।एसटीएसएस होने पर शरीर में सूजन आ जाती है। टिश्यू नष्ट होने लगते हैं। अंगों में मांस खाने वाला बैक्टीरिया घुस जाता है और उनको फेल कर देता है। अगर जल्दी इलाज न मिले, तो 48 घंटे में ही मरीज की मौत हो जाती है। हालांकि अभी तक यह रिपोर्ट सामने नहीं आयी है कि इस संक्रमण से कितनी लोगों की मौत हुई है।
बचाव के क्या हो सकते हैं उपाय?
एसटीएसएस बचने के वही उपाय बताये जा रहे हैं, जो कोरोना वायरस के दौरान लोगों ने अपनाया था। इससे बचने के लिए भी साफ-सफाई बहुत जरूरी है। हमेशा हाथों को धोते रहने से एसटीएसएस से बचाव हो सकता है। अचानक शरीर में तेज दर्द, बुखार वगैरा हो, तो तत्काल डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है। चोट लगी है, तो उसपर भी नजर रखनी चाहिए। अगर चोट वाली जगह तेजी से लाल हो रही है, तो भी ये एसटीएसएस की चेतावनी हो सकती है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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