Nagar Nikay Chunav Jharkhand: झारखंड हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को तीन हफ्तों में नगर निकाय चुनावों की तिथियों की घोषणा कराने आदेश दिया है। लेकिन लगता नहीं है कि झारखंड में नगर निकाय चुनाव सम्भव है। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आलोक में कहा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार हर राज्य में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट करवाना अनिवार्य है। लेकिन राज्य में ट्रिपल टेस्ट तो दूर की बात है, ओबीसी आयोग का यहां गठन भी नहीं हुआ है। जबकि ट्रिपल टेस्ट का पहला स्तर ही आयोग का गठन है। उसके बाद की प्रक्रिया लम्बी है। नगर निकाय चुनाव कराने सम्बंधी हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद एनडीए हरकत में आ गया है। आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो ने तो इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दे दी है। उन्होंने भी कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के नगर निकाय चुनाव सम्भव नहीं है।
क्या है ट्रिपल टेस्ट?
OBC Reservation के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट फार्मूला पूरे देश में लागू करने का आदेश दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि ट्रिपल टेस्ट के बगैर निकाय चुनाव कराने की स्थिति में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को अनारक्षित मानना होगा। झारखंड में नगरपालिका अधिनियम 2011 में संशोधन करने के बाद आरक्षण रोस्टर में भी बदलाव का मामला हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। राज्य सरकार के कैबिनेट की बैठक में नगर विकास विभाग की अधिसूचना को निरस्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में ट्रिपल टेस्ट के बाद निकाय चुनाव कराने का निर्णय लिया गया था।
स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए ट्रिपल टेस्ट की औपचारिकताओं के अनुसार:
- पिछड़ेपन की जांच के लिए एक समर्पित आयोग का गठन किया जाता है।
- आयोग की सिफारिशों के आलोक में निकाय-वार कोटे का प्रावधान किया जाता है।
- अनुसूचित जाति (SC)/अनुसूचित जनजाति (ST)/अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित सीटों का निर्धारण जो कुल सीटों के 50 प्रतिशत से अधिक ना हो।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल में रेड डालने गई ED टीम पर सैकड़ों लोगों ने किया हमला, वाहनों में की तोड़फोड़, दो घायल
Nagar Nikaay Chunaav Jharkhand