एनडीए की बनेगी सरकार या इंडी गठबंधन करेगा खेला, किसकी क्या हैं सम्भवनाएं?

Will NDA form the government or will the Indy alliance play, what are the possibilities?

जब भी किसी चुनाव में लगभग बराबर सीटें या सीटों में 19-20 का अंतर हो तो भारतीय की राजनीति में इसके लिए एक नया शब्द इन दिनों खूब प्रचलित है- ‘खेला होना’। 2024 लोकसभा चुनाव में एनडीए और इंडी गठबंधन को जितनी सीटें आयी हैं, उसमें इस राजनीतिक टर्म के इस्तेमाल की आशंका बन गयी है। यह आशंका कितनी हावी रहेगी, यह एक-दिनों में सामने आ जायेगा। फिलहाल, एनडीए को लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 293 सीटें मिली हैं, जो कि बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है। आशंका की वजह नीतीश कुमार की जदयू और चन्द्रबाबू नायडू की टीडीपी को माना जा रहा है। जिस समय चुनावों की मतगणना चल रही थी, और उसके साथ जो राजनीतिक तस्वीर उभर कर सामने आ रही थी, इसमें इंडी गठबंधन ने अपनी सम्भावनाओं को तलाशना शुरू कर दिया था। इंडी गठबंधन के अलग-अलग नेताओं ने नीतीश कुमार और चन्द्र बाबू नायडू से बात भी की है। ताजा परिस्थिति में दोनों नेता एनडीए के साथ हैं, लेकिन इनके गठबंधन से अलग होने की स्थिति में त्रिशंकु राजनीतिक स्थिति अवश्य बन सकती है।

अंतिम परिणामों में एनडीए को 293 सीटें मिली हैं, वहीं इंडी गठबंधन 234 सीटें लेने में सफल रहा है। एनडीए ने तो बहुमत का आंकड़ा 272 पार कर लिया है। ऐसे में एनडीए के लिए सरकार बनाने की राह मुश्किलें नहीं है, लेकिन शर्त है कि उसके सभी सहयोगी एकजुट रहें। अगर कोई भी सहयोगी दल छिटकता है तो एनडीए के लिए मुश्किलें हो सकती हैं। छिटकने वाले दलों में जदयू और टीडीपी ही हैं।

एनडीए की कैसे बनेगी सरकार?

सामान्य स्थिति में एनडीए की सरकार बनने के लिए कुछ विशेष नहीं करना होगा। सीटों का आंकड़ा तो उसके पास है ही। अपने सभी सहयोगियों को एकजुट रखना तो जरूरी है ही, पांच वर्षों तक सभी सहयोगियों के बीच सामंजस्य बनाये रखना भी बेहद जरूरी है। क्योंकि इस बार एनडीए में कई ऐसी पार्टियां हैं जिनके अपने सिद्धांत, लाभ-हानि, वोटर्स हैं, उनके हिसाब से वे रणनीति बनाते हैं, तो अगर एनडीए की सरकार बनती है तो भाजपा इन पार्टियों को लेकर आगे कैसे चलती है, यह देखना दिलचस्प होगा। अगर एनडीए के उसके दोनों साथी जदयू (12) और टीडीपी (16) समर्थन वापस ले लें तो उसके पास 265 सीटें हो जायेंगी। इस हालत में उसे और 7 सहयोगियों की जरूरत होगी। ऐसी स्थिति में एनडीए के पास उपाय यही बच जायेंगे अन्य पार्टियों की 16 सीटों में से 7 को अपने पक्ष में तैयार करे। पांच सीटों वाले शिवसेना-उद्धव और राकांपा-शरद को अपने पक्ष में करे। ऐसा कर लेने पर इंडी गठबंधन का स्ट्रेंथ और कमजोर होगा। इसके बाद के उपाय में भाजपा के पास यही चारा रह जाता है कि वह जदयू को तोड़ दे या राजद को ही चारा डाल दे।

इंडी गठबंधन कैसे बना सकता है सरकार?

इंडी गठबंधन को अगर सरकार बनाना है तो टीडीपी और जदयू  पर निर्भर होना होगा। इंडी गठबंधन के पास 234 सीटें है। सरकार बनाने के लिए उसे करीब 38 सीटों की जरूरत होगी। जदयू के पास 12 और टीडीपी के पास 16 सीटें हैं। अगर ये दोनों इंडी गठबंधन को समर्थन देते हैं तो आंकड़ा 262 हो जाएगा। इसके बाद भी उसे 12 सीटों की जरूरत होगी। अन्य पार्टियों के पास 16 सीटें हैं, अब यह इंडी गठबंधन पर निर्भर है कि वह इन पार्टियों में से कितनों के अपने समर्थन के लिए राजी कर सकती है।

खैर ये सभी अभी सम्भावनाएं हैं। दिल्ली में आज एनडीए और इंडी गठबंधन की बैठक के बाद स्पष्ट हो जायेगा कि देश की राजनीति किस दिशा में जा रही है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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