Birsa Munda Jail: जमादार अवधेश सिंह को दीजिए मोटा पैसा, बिरसा केन्द्रीय कारा से फोन करने में फिर डर कैसा?

Jharkhand: Give money to Awadhesh Singh, why fear in calling from jail?

Birsa Munda Jail: बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी चल रही है। यह कार्रवाई पिछले दिनों रांची के दैनिक अखबार ‘प्रभात खबर’ के संपादक के होटवाल जेल से धमकी भले कॉल्स आने को लेकर की जा रही है। जेल से फोन आना और धमकी देना कोई नई बात नहीं है। ताजा उदाहरण इसका जीता-जागता प्रमाण है। आप यह मत सोचिए कि अपराध की दुनिया जेल के बाहर ही होती है, जेल के अंदर भी अपराधियों की अपनी दुनिया होती है। यह काला सच जब-तब सामने आता रहता है। अब एक सच जो सामने आया है वह यह कि जेलों से फोन करना कोई ‘बड़ी बात’ नहीं है। अगर आप जेल में है और बाहर फोन करना चाहते हैं तो बस आपको ‘किसी’ को ‘खुश’ करना होगा। इस खुश करने का मतलब भी आप समझ रहे होंगे। फोन करने की कीमत देनी होगी। फिर आप घर पर फोन करें, किसी को धमकी देने के लिए फोन करें आपको कोई नहीं रोकेगा।

सूत्र बताते हैं कि बिरसा कारागार में एक जमादार स्तर के कर्मी हैं अवधेश कुमार उर्फ अवधेश सिंह है। जेल से फोन करने में इन्हीं की चलती है। बड़ा से बड़ा नक्सली हो या कुख्यात अपराधी, फोन करने के लिए फोन करने के लिए इन्हीं के पास आना पड़ता है। आना ही नहीं पड़ता, बल्कि मोटी रकम अवधेश सिंह को देनी पड़ती है। अवधेश सिंह ने एक रेट तय कर रखी है। यह रेट भी अपराधी की हैसियत के अनुसार होती है। चूंकि जेल से फोन तो कोई घर का हालचाल लेने के लिए नहीं करेगा। जेल से फोन करने का मकसद साफ होता है अपराध करना। रंगदारी वसूलना, अपहरण कराना, धमकी देना….। तो जाहिर है फोन करने वाले ‘अपराधी’ लम्बा हाथ मारने वाला है। तो ‘फीस’ तो देनी पड़ेगी। इसी के लिए जमादार अवधेश सिंह ने फोन करने के लिए रेट तय कर रखा है।

फोन करने के लिए अवधेश सिंह की महीने भर की रेट

  • एंड्रायड मोबाइल कर इस्तेमाल – 1,50,000 से 1,00,000 तक
  • वीडियो कॉल या व्हाट्सअप कॉल – 1,50,000 से 2,00,000 तक
  • नॉर्मल मोबाइल – 10,000 से 25,000 तक

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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