देश में स्वच्छता की पहचान इंदौर में सोमवार को चौथे चरण में मतदान जारी है। लेकिन इस बार मतदाताओं में वोट करने को लेकर उत्साह नहीं देखा जा रहा है। दरअसल, हैरत अंगेज तरीके से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम द्वारा नाम वापस लेने के बाद इंदौर में चुनाव का रंग फीका पड़ गया है। लेकिन इंदौर कांग्रेस ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का विषय बनाने हुए एक अलग ही अभियान छेड़ रखा है। कांग्रेस ने नोटा का प्रचार कर इंदौर में भाजपा वर्सेस नोटा का माहौल बनाया है। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार इंदौर में नोटा का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बनने जा रहा है। जाहिर है अगर भाजपा उम्मीदवार जीतता भी है तो उसकी जीत का रंग फीका ही रहेगा। इतना ही नहीं इस बार इंदौर में पूर्व के चुनावों की तुलना में मतदान के भी काफी कम होने की आशंका जताई जा रही है। वैसे इंदौर में लोकसभा चुनाव में मतदान हमेशा 50 प्रतिशत से ज्यादा रहा है।
बता दें कि मध्य प्रदेश की इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम अपना नामांकन वापस लेकर भाजपा में शामिल हो गये थे। इंदौर में अलग-अलग पार्टियों और निर्दलीय को मिलाकर 23 प्रत्याशी मैदान में थे। मगर अक्षय कांति ने अपना नाम वापसी के अंतिम दिन नामांकन वापस लेकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: चौथे चरण 10 राज्यों की 96 सीटों पर मतदान जारी, 1717 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कर रहे मतदाता