दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुनवाई पूरी हो गयी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने के बजाय फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर 9 मई को या अगले हफ्ते फैसला सुनायेगा। सुप्रीम कोर्ट में आज जिस तरह से बहस चल रही थी उम्मीद की जा रही थी कि केजरीवाल सम्भवतः जेल से बाहर आ सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट देश में चल रहे चुनाव के मद्देनजर ही केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई को तैयार हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत का जोरदार विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह राजनीति से प्रेरित मामला नहीं है। हम इस मामले में हो रही राजनीति को लेकर चिंतित नहीं हैं, लेकिन हमारी चिंता सुबूतों को लेकर है। शुरुआत में अरविंद केजरीवाल पर हमारा फोकस नहीं था और न ही ईडी केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई का विचार कर रही थी, लेकिन जैसे जैसे जांच आगे बढ़ी तो केजरीवाल की भूमिका साफ हो गई।
ईडी के वकील ने यह कह कर केजरीवाल की जमानत का विरोध किया कि अगर इन्हें जमानत मिल जायेगी तो यह संदेश जायेगा कि आम आदमी और नेता में अंतर है। सुप्रीम कोर्ट ने जब ईडी के वकील से यह कहा कि अभी चुनाव का समय है इसलिए हम जमानत पर विचार कर रहे हैं, इस पर ईडी की ओर से दलील दी गयी कि एक व्यक्ति के चुनाव प्रचार नहीं करने से कोई आसमान नहीं टूट पड़ेगा।
उधर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल आदतन अपराधी नहीं है। उन्हें चुनाव के समय ही क्यों गिरफ्तार किया गया। इस पर ईडी ने दलील दी कि केजरीवाल बार-बार पूछने से बचते रहे हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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