भाजपा के टिकट पर रांची के पांच बार के सांसद रामटहल चौधरी ने कांग्रेस पार्टी की नयी-नयी सदस्यता छोड़ दी है। कांग्रेस छोड़ने का उन्होंने विधिवत ऐलान किया है। यह ऐलान उन्होंने रांची में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। दरअसल, रामटहल चौधरी टिकट मिलने की उम्मीद लेकर कांग्रेस में शामिल हुए थे। रामटहल चौधरी को जब 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तब उन्होंने भाजपा छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। कुछ दिनों पहले शायद रांची से टिकट मिलने के आश्वासन के बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी, लेकिन रामटहल चौधरी को उस समय तगड़ा झटका लगा जब कांग्रेस ने रांची से पूर्व सांसद और केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की पुत्री यशस्विनी सहाय को टिकट दे दिया। कांग्रेस के इस फैसले से वह इतने आहत हुए कि उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया।
आत्मसम्मान से कोई समझौता नहीं, हम झोला उठाने नहीं आये थे – रामटहल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामटहल चौधरी ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकते। वह कांग्रेस में पार्टी का झोला उठाने के लिए शामिल नहीं हे थे। रामटहल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें अपमानित किया है। इसलिए यहां रहने का कोई औचित्य नहीं है, वह कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं।
भाजपा में नहीं जा रहे रामटहल चौधरी
कांग्रेस छोड़ने की घोषणा करने के बाद जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वह दोबारा भाजपा में जा रहे हैं। इस पर रामटहल चौधरी ने कहा कि अभी वह कहीं नहीं जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में वह किस पार्टी को समर्थन देना है, के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला वह अपने लोगों से सलाह लेकर करेंगे कि समर्थन किसे करना है।
सच कहा जाये तो कांग्रेस में इन दिनों जिस प्रकार से उठापटक चल रही है, उसको देखते हुए भी रामटहल चौधरी को यह अहसास हो गया था कि यहां उनकी दाल गलने वाली नहीं है। यही कारण है एक इंटरव्यू में उन्होंने साफ-साफ कहा था कि टिकट नहीं तो कांग्रेस को समर्थन नहीं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
यह भी पढ़ें: चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पायेंगे हेमंत सोरेन, PMLA कोर्ट ने खारिज की याचिका