भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा, बड़ी मुश्किलों के बाद यह मंजिल पायी!

भारतीय लोकतंत्र आज एक यादगार मुकाम पर पहुंच गया है। आज के ही दिन भारत को अपना संविधान मिला था। इस सफर को आज 25 वर्ष पूरे हो गये हैं। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। हालांकि इसे स्वीकृत 26 नवम्बर 1949 को ही कर लिया गया था। इसीलिए इसी दिन संविधान दिवस मनाया जाता है। इसलिए आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए काफी खास दिन है। चूंकि अब भारतीय संविधान को अपनाये जाने के 75 साल पूरे हो गये हैं। इस उपलक्ष्य में संविधान भवन में संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के साथ संविधान दिवस मनाया जाएगा। आइये देखते हैं कि 75 वर्ष पूर्व हमें हमारा संविधान मिलने के पहले किन-किन दौर से गुजरना पड़ा था।

भारतीय संविधान के महत्वपूर्ण तथ्य

  • 1895 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने मांग की थी कि अंग्रेजों के अधीनस्थ भारतवर्ष का संविधान स्वयं भारतीयों द्वारा ही बनाया जाना चाहिए लेकिन तिलक के सहयोगियों द्वारा भारत के लिए स्वराज्य विधेयक के प्रारूप को, जिसमें पहली बार भारत के लिए स्वतंत्र संविधान सभा के गठन की मांग की गई थी, ब्रिटिश सरकार द्वारा ठुकरा दिया गया था।
  • 1922 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मांग की कि भारत का राजनैतिक भाग्य भारतीय स्वयं बनाएंगे।
  • 1924 में पं. मोतीलाल नेहरू ने संविधान सभा के गठन की फिर मांग की लेकिन अंग्रेजों द्वारा उनकी मांग को भी ठुकरा दिया गया। तब से संविधान सभा के गठन की मांग लगातार उठती रही लेकिन अंग्रेजों द्वारा उसे हर बार ठुकराया जाता रहा।
  • 1939 में कांग्रेस अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि स्वतंत्र देश के संविधान के निर्माण के लिए संविधान सभा ही एकमात्र उपाय है।
  • 1940 में ब्रिटिश सरकार ने इस मांग को मान लिया कि भारत का संविधान भारत के लोगों द्वारा ही बनाया जाए।
  • 1942 में क्रिप्स कमीशन ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि भारत में निर्वाचित संविधान सभा का गठन किया जाएगा, जो भारत का संविधान तैयार करेगी।
  • 9 दिसम्बर सन् 1946 को संविधान सभा सच्चिदानंद सिन्हा की अध्यक्षता में पहली बार समवेत हुई थी लेकिन मुस्लिम लीग ने अलग पाकिस्तान बनाने की मांग को लेकर इस बैठक का बहिष्कार किया।
  •  11 दिसम्बर 1946 को हुई संविधान सभा की बैठक में डा. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया और वे संविधान के निर्माण का कार्य पूरा होने तक इस पद पर रहे।
  • 14 अगस्त 1947 को भारत डोमिनियन की प्रभुत्ता सम्पन्न संविधान सभा पुनः समवेत हुई।
  • 29 अगस्त 1947 को स्वतंत्र भारत में संविधान सभा द्वारा संविधान निर्मात्री समिति का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष सर्वसम्मति से डा. भीमराव अम्बेडकर को बनाया गया।
  • संविधान प्रारूप समिति की बैठकें 114 दिन तक चली।
  • संविधान के निर्माण में कुल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा।
  • संविधान के निर्माण कार्य पर कुल 63 लाख 96 हजार 729 रुपये का खर्च आया।
  • संविधान के निर्माण कार्य में कुल 7635 सूचनाओं पर चर्चा की गई।
  • 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होने के बाद से अब तक हुए अनेक संशोधनों के बाद भारतीय संविधान में 440 से भी अधिक अनुच्छेद व 12 परिशिष्ट हो चुके हैं।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन की सशरीर कोर्ट में होगी पेशी, 4 दिसंबर को उपस्थित होने का निर्देश