केरल के वायनाड जिले के मेप्पडी के पास लगातार जारी भारी बारिश के कारण विभिन्न पहाड़ी इलाकों में मंगलवार तड़के भूस्खलन के कारण 50 लोगों की मौत हो गई है और मृतकों में तीन बच्चे भी शामिल है.
जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर के अनुसार, मृतकों की संख्या 45 हो गई है. उन्होंने बताया कि चूरलमाला में भूस्खलन में 36 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. इसके अलावा, चेलियार नदी में बहे नौ लोगों के शव मलप्पुरम में बरामद किए गए. मृतकों के शवों को पहचान तथा पोस्टमार्टम के लिए विभिन्न अस्पतालों के मुर्दाघरों में ले जाया जा रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं और मलबे में सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है.
वायनाड की जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर ने बताया कि प्रभावित इलाकों में आपदा राहत कार्य जारी है और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), दमकल विभाग, पुलिस तथा वन, राजस्व एवं स्थानीय स्वशासित विभाग बचाव अभियान संचालित कर रहे हैं. भारतीय सेना भी बचाव अभियान में शामिल हो गई है.
राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने बताया कि भूस्खलन में घायल हुए 70 से अधिक लोगों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
मेघाश्री के अनुसार, सरकारी एजेंसियों के साथ ही स्वयंसेवी और स्थानीय निवासी भी बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं.
जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि करमन्थोडु नदी पर बाणासुर सागर बांध के द्वार खोल दिए गए हैं और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने उनके कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा कि राज्य के मंत्री बचाव गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए पहाड़ी जिले में पहुंचेंगे और अभियान को लेकर समन्वय स्थापित किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि वायनाड जिले में भूस्खलन और अन्य वर्षाजनित आपदाओं के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है. बयान में कहा गया है कि लोगों को आपातकाल में मदद के लिए दो ‘हेल्पलाइन नंबर’ भी शुरू किए गए हैं.
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) ने कहा है कि अग्निशमन और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम को प्रभावित क्षेत्र में तैनात किया गया है और एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम वायनाड के लिए भेजी गई है.
अधिकारियों के मुताबिक, बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटनाओं के मद्देनजर कई परिवारों को विभिन्न शिविरों या उनके रिश्तेदारों के घरों में स्थानांतरित किया गया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूस्खलन की घटनाओं में लोगों की मौत पर मंगलवार को दुख व्यक्त किया.पीएम ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को संकट से निपटने के लिए केंद्र से हर संभव मदद मिलने का आश्वासन दिया.
प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की. वहीं, घायलों को 50-50 हज़ार रुपये दिए जाएंगे.
मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वायनाड में कुछ जगहों पर भूस्खलन की खबर से व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजन को खोया है और जो घायल हुए हैं, मैं उनके शीर्ष स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है.’’
मोदी ने लिखा, ‘‘केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से बात की और वहां उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया.’’
वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी इस घटना पर दुख जताया और राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बात कर राहत एवं बचाव कार्य के लिए सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने तथा एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का आग्रह किया.
राहुल ने कहा कि वह हर संभव सहायता सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी बात करेंगे.
राहुल ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘मैं वायनाड में मेप्पडी के पास हुए भूस्खलन से बहुत व्यथित हूं. मेरी हार्दिक संवेदना उन शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. मुझे उम्मीद है कि जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें जल्द ही सुरक्षित निकाल लिया जाएगा.’’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैंने केरल के मुख्यमंत्री और वायनाड के जिला अधिकारी से बात की है, जिन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि बचाव अभियान जारी है. मैंने उनसे सभी एजेंसियों के साथ समन्वय सुनिश्चित करने, एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने और राहत प्रयासों के लिए आवश्यक किसी भी सहायता के बारे में हमें सूचित करने का अनुरोध किया है.’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह केंद्रीय मंत्रियों से बात करेंगे और उनसे वायनाड को हर संभव सहायता प्रदान करने का अनुरोध करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी यूडीएफ (संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा) कार्यकर्ताओं से बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता करने का आग्रह करता हूं.’’
केरल के वायनाड में ऊंचाई पर स्थित गांवों में मंगलवार को बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं के बाद तबाह हुए मकान, उफनती नदियां और उखड़े हुए पेड़ों के दृश्य दिखाई दिए.
सोमवार तक अपने मनोरम दृश्यों के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की अब भूस्खलन की चपेट में आने के बाद तस्वीर बदल गई है और अन्य हिस्सों से उनका संपर्क टूट गया है.
बाढ़ के पानी में बहे वाहनों को कई स्थानों पर पेड़ों की टहनियों में फंसे और यहां-वहां डूबे हुए देखा जा सकता है. उफनती नदियों ने अपना मार्ग बदल लिया है और वे रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे और विनाश हो रहा है.
पहाड़ियों से लुढ़कते बड़े-बड़े पत्थर बचावकर्मियों के रास्ते में बाधा पैदा कर रहे हैं. बचाव कार्यों में जुटे लोगों को भारी बारिश के बीच शवों और घायलों को एम्बुलेंस तक ले जाते हुए देखा जा सकता है.
भूस्खलन की घटनाओं के कारण बड़े पैमाने पर पेड़ उखड़ गए हैं और बाढ़ के पानी ने हरे-भरे क्षेत्रों को नष्ट कर दिया है.
एक रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास की सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है. इस टीम में एक चिकित्सा अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और 40 सैनिक शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे.
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