विधानसभा के पास बनाये गये 393 आवास एचईसी विस्थाापितों को दिए जाएंगे – सुदिव्य

झारखंड के बजट सत्र में राज्य के नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार ने सदन में जानकारी दी की एचईसी के विस्थापितों के लिए विधानसभा के पास बनाए गए 393 आवास जल्द ही हैंडओवर किये जाएंगे। सुदिव्य कुमार भाजपा विधायक नवीन जायसवाल के सवाल का जवाब दे रहे थे।

मंत्री ने कुटे, आनी, मुड़मा, लाबेद और तिरिल के रैयतों को एचईसी की बची हुई जमीन के लौटाने के सवाल पर कहा कि एचईसी केंद्र सरकार का उपक्रम है। ऐसे में यदि केंद्र सरकार रैयतों की जमीन राज्य सरकार को लौटा दे तो राज्‍य सरकार इसे तत्काल रैयतों को दे देगी। मंत्री ने कहा कि एचईसी से जुड़े विस्थापन से जुड़ा मामला वृहद स्तर का है, लेकिन सरकार विस्थापितों को आवास देने की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का प्रयास करेगी।

वहीं इससे संबंधित अविस्ताव को विधायक नवीन जायसवाल ने वापस नहीं लिया। इसके बाद विधानसभा अध्यसक्ष रबींद्र नाथ महतो ने वोटिंग कराई, लेकिन अविस्ताव के विपक्ष में बहुमत रहने से यह अविस्‍ताव गिर गया।

इस मामले पर विधायक ने कहा कि इन 393 आवासों को पूर्ववर्ती रघुवर दास की सरकार ने बनाया था, जिसमें हर विस्‍थापित के लिए छह डिसमील जमीन पर जी प्‍लस फोर के आवास का निर्माण कराया गया है, जिसकी जमीन समेत एक आवास की कीमत दो करोड़ रुपए है। उन्होंने सरकार पर पिछले पांच वर्षों में विस्थापितों को इस आवास को जान-बूझकर नहीं देने का आरोप लगाया।

कचरे के निस्तारण के लिए बनेगी राज्य सलाहकार समिति

इसके अलावा मंत्री सुदिव्य कुमार ने सदन में बताया कि राज्य सरकार कचरे के निस्तारण और पुर्नचक्रण के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का गठन करेगी। सुदिव्य कुमार ने जदयू विधायक सरयू राय की ओर से सवाल के जवाब में सदन को यह जानकारी दी। यह सवाल विधायक ने गैर सरकारी संकल्प के तहत अविस्ताव के माध्यम से पूछा था। मंत्री ने कहा कि राज्य के अन्य नगर निकायों में कचरों की प्रो‍सेसिंग यूनिट स्थापित करने को लेकर सभी जिलों के उपायुक्तों को जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। वहीं इस मामले पर विधायक सरयू राय ने कहा कि राज्य सरकार के पास इससे संबंधित मद में 1114 करोड़ रुपये हैं, जिससे वह इस्तेमाल कर कचरे का निस्तातरण और पुर्नचक्रण तथा इससे संबंधित अन्य काम कर सकती है।

न्यूज डेस्क/समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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