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34वें राष्ट्रीय खेल घोटाला से जुड़े सुबिमल मुखोपाध्याय ने आज रांची सिविल कोर्ट में न्यायाधीश प्रकाश झा के अदालत में सरेंडर कर दिया। कोर्ट ने 9 महीने पहले गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। जिसके बाद से वे फरार चल रहे थे। सुबिमल पर कई आईपीसी की धाराएं लगाई गई हैं।
राज्य सरकार को आर्थिक क्षति पहुंचाने का है आरोपी
इससे पहले उन्होंने हाईकोर्ट में एंटीसिपेटरी बेल के लिए आवेदन किया था। जिसे हाई कोर्ट ने 21 सितंबर को रिजेक्ट कर दिया था। सुबिमल 34 वें राष्ट्रीय खेल के लिए बनी टेंडर कमेटी के सदस्य थे। उस दौरान अपने सरकारी पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करते हुए उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया और अपने आर्थिक लाभ को प्राप्त करने की दिशा में एक षड्यंत्र के तहत राज्य सरकार को 28 करोड़ 38 लाख से अधिक की राशि का आर्थिक क्षति पहुंचाई थी।
11 साल से राष्ट्रीय खेल घोटाले की चल रही है जांच
इस मामले में एक अन्य अप्राथमिकी अभियुक्त टेंडर कमिटी के सदस्य व अवकाश प्राप्त कार्यपालक अभियंता सुखदेव सुबोध गांधी के खिलाफ भी वारंट निकला हुआ है और वे फरार चल रहे हैं। वहीं एक अन्य अप्राथमिकी अभियुक्त टेंडर कमिटी के सदस्य पीके चौधरी के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति सरकार की ओर से अब तक नहीं मिल पाई है।
अब तक 4 प्राथमिकी व 6 अप्राथमिकी अभियुक्त बनाये गए हैं
टेंडर कमिटी के एक अन्य सदस्य अजीत लुइस लकड़ा का पिछले दिनों देहांत हो चुका है। टेंडर कमिटी के एक अन्य सदस्य एचएल दास पहले ही सरेंडर कर चुके हैं। टेंडर कमिटी के सदस्य एसएम हाशमी व पीसी मिश्रा को निगरानी ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। सदस्य मधुकांत पाठक भी सरेंडर कर चुके हैं। वहीं टेंडर कमिटी के सदस्य आर एस वर्मा का निधन मामला दर्ज होने से पहले ही हो गया था।खेल मंत्री बंधु तिर्की को निगरानी ने गिरफ्तार किया था और एक अन्य आरोपी आर के आनंद को HC ने जमानत प्रदान कर दी है। ACB की जांच में अब तक इस मामले में 4 प्राथमिकी अभियुक्त व 6 अप्राथमिकी अभियुक्त बनाये गए हैं।
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