विभिन्न मांगों को लेकर 108 एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को परेशानी बढ़ गई है. वहीं एंबुलेंस कर्मी अपनी भविष्य निधि अंशदान की राशि को जमा करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही तीन माह का वेतन अविलंब देने की बात कर रहे हैं. इसके कारण बहरागोड़ा हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को महंगा भाड़ा देकर ऑटो एवं चार चक्का वाहन से इलाज के लिए आना पड़ रहा है.
इधर कई मरीजों को रेफर करने के लिए निजी एंबुलेंस लेना पड़ रहा है. बहरागोड़ा के एंबुलेंस चालक गौरांग प्रधान, सत्य किंगर घोष, अर्जुन दास, देबू राणा, नर्सिंग टुडू व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन सरोज सरोज कुमार नाथ, मनोज कुमार घोष, बिस्वजीत प्रधान, राकेश कुमार, ऋषि सिंह, बिशाल सिंह का कहना है कि एंबुलेंस चालक व ईएमटी को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से भी कम वेतन दिया जाता है.
वहीं वेतन नहीं मिलने से भुखमरी के कगार पर हैं. जल्द से जल्द सभी कर्मियों को वेतन दिया जाए. खास कर बहरागोड़ा के ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों की परेशानी ज्यादा है. शहरी क्षेत्र के मरीजों को भी मुंहमांगी कीमतों पर निजी एम्बुलेंस लेना पड़ रहा है. चालकों की मानें तो लगातार एजेंसी और सरकार के माध्यम से अपने लंबित वेतनमान की मांग कर रहे थे.
108 एंबुलेंस के टेक्निकल कर्मी और स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन भुगतान को लेकर गए अनिश्चित कालीन हड़ताल पर। जहा आज सैकड़ो की संख्या में जिला उपायुक्त पहुंच अपनी पीड़ा बताते हुए कहा आज तक हमे स्थाई तो दूर पीएफ और esi तक का लाभ नही मिला और वर्तमान समय में जी ठेकेदार है उसके यहा से 2 माह का वेतन भी रोक लिया गया जिसके बाद फिर नया ठेकेदार आ गया और यह भी वेतन नही दे रहा है जिस कारण मजबूरन हड़ताल के राह पर जाना पड़ा अब अगर स्वास्थ्य व्यवस्था इसका प्रभाव पड़ता है जिम्मेदार सरकार है कारण हम तो काम सरकार का कर रहे है ।
जमशेदपुर से इन्द्रजीत की रिपोर्ट
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